सुरक्षा संवाद – भाग ४

एक  अनोखी पहल

एक दिन चूहों की एक सभा का आयोजन हुआ जिस में चर्चा का मुख्य मुद्दा था कि बिल्लियों से चूहों को कैसे बचाया जाए ? इस सभा में बच्चे, जवान और बुढ्ढे सारे चूहें उपस्थित थे जो अपने अपने मत प्रस्तुत कर रहे थे । एक युवा चूहे ने अपना सुंदर प्रस्ताव रखते हुए कहा कि अगर हम बिल्ली के गले में घंटी बांध दे तो उसके आने का हमें पता चल जाएगा और हम सब को भागने का मौका भी मिल जाएगा । इस चूहे के इस सुंदर प्रस्ताव को सुनकर सभागृह में तालियाँ बजने लगी, सभी चूहे उसके सुंदर प्रस्ताव की प्रशंसा करने लगे, कई चूहे उसकी शिक्षा की भी प्रशंसा करने लगे ।  तालियों की गडगडाहट और लोगों की प्रशंसा रुकने पर एक बुजुर्ग चूहे ने खड़े होकर सबसे कहा कि इस युवा चूहे का प्रस्ताव सचमुच बहुत सुंदर है पर बिल्ली के गले में घंटी बांधने कौन जाएगा ?

 

बुजुर्ग चूहे की बात सुनकर मानो सारे चूंहों को साप सुंघ गया, कुछ ही क्षणों में सभा का विसर्जन हो गया, सभी चूहे अपने अपने बील में चले गये, घंटी बांधने की पहल न करने के कारण ही इन चूहों की हालत आज भी वैसी की वैसी ही है ।

 

मेरे पास वक्त नहीं है, मैं अकेला या अकेली क्या कर सकते हैं ? अकेला इन्सान क्या कर सकता है ? शुरुआत कौन करे ? बौध, इस्लाम, ईसाई, सिक्ख धर्म की स्थापना करनेवाले एक थे या अनेक ? शंकराचार्य, वल्लभाचार्य, कबीर एक थे या अनेक ? शिवाजी और महाराणा प्रताप एक थे या अनेक ? एक अकेले गेलिलियो ने क्या कुछ नहीं किया ? एक सोक्रेटिस ने पूरे ग्रीस देश में कैसे सुधार किया ? चुनाव आयुक्त टी,एन.शेषान, जी.आर,खैरनार और नरेन्द्र मोदी ने पूरे देश को दिखाया कि वही सत्ता, वही देश और वही लोग होने पर भी अगर लीडरशीप अच्छी होगी तो पूरी शासन व्यवस्था पर असर होगा ।

 

हर काम की शुरुआत एक इन्सान से होती है, शुरु-शुरु में उसकी निंदा होती है । लोगों से टकराव भी होता है, कुछ समय तक दुःख भी सहन करना पडता है । अगर इन्सान डरता नहीं है तो धीरे धीरे उसे और उसके काम को स्वीकृति भी मिलती है । लोग उसके साथ जुडने लगते हैं, समूह उसके साथ जुडता है । लोग जुडे या न जुडे, लोग रुठे या खुश हो पर ज्ञानी मनुष्य का धर्म है जो सही है उसका अनुसरण करना ।

दोस्तों,

हम पूरे दिन कई सारे काम करते हैं, कुछ यंत्रवत्, कुछ वही पूराने तो कुछ महत्वपूर्ण । लेकिन इसमें से कुछ काम हम स्वयं शुरुआत कर के करते हैं । विशेष रुप से महत्वपूर्ण (सेफ्टी के कार्य) कार्य हम स्वयं करते हैं या किसी के आदेश या कहने पर करते हैं ?  पूरे दिन में हम कितने कार्य पहल लेकर करते हैं ? अपनी पहल की क्षमता का कितना उपयोग करते हैं ? किसी के कहने पर हम सुरक्षा के नियमों का पालन करते हैं या हम स्वयं लीडरशीप लेते हैं ?

 

ट्यूबलाइट – अगर हर इन्सान अपनी सुरक्षा का खयाल रखें तो संसार सुरक्षित हो जाए । 

हर महीने की १ और १५ तारीख को प्रकाशित होने वाली सेफ्टी संवाद…

प्रेषक : सुरेश प्रजापति

Specially for Tool Box Meeting (TBM)

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